डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai

डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai
डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai

डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai

डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai – किडनी हमारे शरीर के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में काम करती हैं। इन अद्वितीय अंगों की महत्वपूर्ण भूमिका है – वे शरीर से अपशिष्ट पदार्थों और अतिरिक्त पानी को निकालने में मदद करती हैं। यदि किडनी ठीक से काम नहीं करती, तो इससे हमारे स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है। इस लेख में, हम डायलिसिस के महत्व को समझेंगे, जो किडनी की स्वस्थता के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है।

डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai
डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai

किडनी का महत्व | Kidney Ka Mahatav?

किडनी हमारे शरीर के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में काम करती हैं। ये दो गुलाबी या मर्जी हुई फूलों की तरह दिखती हैं जो हमारे पेट के निचले हिस्से में स्थित होती हैं। उनका काम शरीर से अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त पानी को बाहर निकालना है। ये नहीं ही, वे कुछ महत्वपूर्ण हार्मोन भी बनाती हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं और शरीर में अम्ल और क्षार का संतुलन बनाए रखती हैं।

किडनी का कामकाज: किडनी का कामकाज अद्वितीय है। वे हमारे रक्त में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों और अतिरिक्त पानी को निकालती हैं, जो हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यदि किडनी काम नहीं करें, तो शरीर में अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त पानी जमा हो सकता है, जिससे हानिकारक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

डायलिसिस क्या है | Dialysis Kya Hai?

डायलिसिस एक प्रक्रिया है जिसमें खराब किडनी के काम को बढ़ावा दिया जाता है। यह एक प्रकार की उपचारिक प्रक्रिया है जिसमें किडनी के सभी कार्य किए जाते हैं, जैसे कि अपशिष्ट पदार्थों और अतिरिक्त पानी को निकालना। यह दो तरह से की जाती है: हेमोडायलिसिस और पेरिटोनियल डायलिसिस।

डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai
डायलिसिस कैसे होता है, खर्च, लक्षण : Dialysis Kaise Hota Hai
  • 1. हेमोडायलिसिस

हेमोडायलिसिस के बारे में बात करते हैं। हेमोडायलिसिस एक प्रक्रिया है जिसमें रक्त को शरीर के बाहर निकालकर शुद्ध किया जाता है। इसमें आर्टीफिशियल किडनी मशीन का उपयोग किया जाता है जो कि शरीर के बाहर एक विशेष फिस्ट्यूला के माध्यम से रक्त को निकालती है। इस मशीन में रक्त को शुद्ध किया जाता है और फिर शरीर में वापस पहुंचाया जाता है।

  • 2. पेरिटोनियल डायलिसिस

पेरिटोनियल डायलिसिस एक और तरीका है जिसमें कैथिटर नामक एक ट्यूब का उपयोग किया जाता है। इस कैथिटर को पेट के अंदर पेरिटोनियल मेम्ब्रेन के बीच में डाला जाता है। इसके बाद डायलिसिस द्रव को कैथिटर के माध्यम से पेट के अंदर डाला जाता है, जहां यह अपशिष्ट पदार्थों और अतिरिक्त पानी को शरीर से निकालता है।

डायलिसिस के लक्षण क्या है | Dialysis Ke Lakshan Kya Hai?

डायलिसिस के लक्षण उन्हीं लक्षणों के साथ होते हैं जो किडनी की कमी के कारण हो सकते हैं. ये लक्षण डायलिसिस की आवश्यकता को सूचित करते हैं. कुछ मुख्य डायलिसिस के लक्षण निम्नलिखित होते हैं:

  • मूत्र में समस्या: किडनी की कमी के कारण मूत्र में समस्याएँ हो सकती हैं। यह मूत्र में बदलाव की रूप में दिख सकता है, जैसे कि कम मूत्र या बढ़े हुए मूत्र की मात्रा.
  • शरीर में शुगर का स्तर: किडनी की कमी से शरीर में शुगर का स्तर बढ़ सकता है, जिससे मधुमेह के लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे कि बढ़े हुए प्यास, ज्यादा मूत्र और थकान.
  • उच्च रक्तचाप: किडनी की कमी के कारण रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे हाड़ी या हृदय से संबंधित समस्याएँ हो सकती हैं.
  • मानसिक और शारीरिक थकान: डायलिसिस के पूर्व और प्रायः कमजोरी, थकान, और मानसिक दुखान दिख सकता है.
  • रक्त की अनमिया या अत्यधिक सुजन: किडनी की कमी से शरीर में अत्यधिक मिया (विषाणु) और तलुएं (गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल) में सूजन आ सकती है.
  • हाड़ी की समस्याएँ: किडनी की कमी के कारण हाड़ी की समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि हाड़ी के कमी के लक्षण, हड्डियों में दर्द या हाड़ी के पैसे गिरना.
  • डायलिसिस के आवश्यक होना: डायलिसिस के बाद, किडनी की कमी के लक्षण होने पर डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है. डायलिसिस एक उपचार है जिसमें रक्त को शुद्ध किया जाता है और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से निकाला जाता है.

NOTE:

कृपया ध्यान दें कि ये लक्षण किडनी की कमी के सभी रोगों के लिए समान नहीं होते और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लक्षण भी हो सकते हैं। किडनी समस्याओं के लक्षणों को पहचानने के लिए डॉक्टर से परामर्श और जाँच करवाना बेहद महत्वपूर्ण है।

डायलिसिस का महत्व | Dialysis Ka Mahatav?

किडनी मूत्राशय तंत्र के सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं। इनके बिना, हमारा शरीर सही तरह से काम नहीं कर सकता। किडनी के बिना अपशिष्ट पदार्थ और अतिरिक्त पानी हमारे शरीर में जमा हो जाते, जिससे हमें स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं।

  • जीवन की रक्षा: डायलिसिस उन लोगों के लिए जरुरी है जो किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं। यह उन्हें जीवन जीने की संभावना देता है जो किडनी के शारीरिक कार्यों को संतुलित रखने में समर्थ नहीं हैं।
  • रक्तचाप की निगरानी: डायलिसिस रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे हार्ट और अन्य आवश्यक अंगों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
  • विषाक्त पदार्थों को निकालना: यह उपचारित करने में मदद करता है कि शरीर में जमा हुए विषाक्त पदार्थों को निकाला जा सके, जो किडनी फेल होने पर हानिकारक हो सकते हैं।
  • स्वस्थ जीवनशैली का साथी: डायलिसिस के माध्यम से रोगी एक स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं। यह उन्हें संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और स्वस्थ सोते-जागते की सलाह देता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना: स्वस्थ रहने की चुनौतियों का सामना करते समय, रोगी का मानसिक स्वास्थ्य भी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। डायलिसिस उन्हें आत्म-समर्पण और मनोबल देता है।

डायलिसिस के बाद की देखभाल | Dialysis Ke Baad Ki Dekhbhaal?

डायलिसिस के बाद, आपको अपने आहार और पीने की आदतों पर विशेष ध्यान देना होगा। एक डाइटिशियन आपकी डाइट को संशोधित करने में मदद करेगा। इसके बाद, डायलिसिस के बाद कुछ जटिल स्थिताएं हो सकती हैं, जैसे संक्रमण, वजन बढ़ना, सूजन, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं। इन समस्याओं का समाधान दवाओं या चिकित्सा सहायता से किया जा सकता है।

सावधानियाँ डायलिसिस के बाद:

डायलिस के बाद व्यक्ति को विशेष ध्यान और सावधानियों का पालन करना चाहिए। निम्नलिखित हैं कुछ महत्वपूर्ण सावधानियाँ:

  • डॉक्टर की सलाह: डायलिसिस के बाद डॉक्टर की सलाह का पालन करना महत्वपूर्ण है। व्यक्ति को डॉक्टर के सुझावों और परामर्श का पूरी तरह से पालन करना चाहिए।
  • आहार: आहार का सख्त पालन करना जरुरी है। व्यक्ति को नमक, पोटैशियम, फॉस्फेट, और प्रोटीन की सीमा पर विचार करना चाहिए। डायलिसिस के बाद, डायलिसिस के द्वारा निकाले गए अपशिष्ट पदार्थों और पानी की मात्रा पर विचार करना चाहिए। आपके डायलिसिस टीम आपको आदर्श आहार की साझा करेगा जो आपके स्वास्थ्य के लिए सही हो।
  • दवाओं का पालन: डायलिसिस के बाद, डाक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं का पूरी तरह से पालन करना चाहिए। यह दवाएँ रक्तचाप को नियंत्रित करने और अन्य किडनी संबंधित समस्याओं को कम करने में मदद कर सकती हैं।
  • व्यायाम और स्वास्थ्य: स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है। योग्य व्यायाम करना, उचित आहार खाना, और स्वस्थ रहने के लिए सामाजिक और आत्मिक समर्थन प्राप्त करना स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।

Conclusion

डायलिसिस वहाँ तक पहुंचने से पहले एक महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हो सकता है जो किडनी रोग से जूझ रहे लोगों के लिए। यह उनकी जिम्मेदारी बनती है, अगर वह स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं। डायलिसिस न केवल उनकी शारीरिक स्वास्थ्य की देखभाल करता है, बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी बनाए रखने में मदद करता है। इसलिए, इस प्रक्रिया की महत्वपूर्णता को समझकर लोग अपनी स्वस्थ्य का ख्याल रख सकते हैं और समृद्ध जीवन जी सकते हैं।

Also Read:

FAQ:

डायलिसिस क्या है?

डायलिसिस एक उपचार पद्धति है जिसमें रक्त को विशेष मशीन (डायलाइज़र) में भेजा जाता है, जहां यह फिल्टर होता है और अपशिष्ट पदार्थों को हटाकर शुद्ध किया जाता है।

क्या डायलिसिस के बाद किडनी ठीक हो सकती है?

हाँ, डायलिसिस से किडनी ठीक हो सकती है, खासकर एक्यूट किडनी फेल्योर में। लेकिन क्रॉनिक किडनी फेल्योर में किडनी ट्रांसप्लांट की जरुरत हो सकती है।

डायलिसिस करने का खर्च क्या है?

सरकारी हॉस्पिटल में डायलिसिस का खर्च लगभग 700 रुपए में हो सकता है, जिसमें इलाज का खर्च शामिल है। प्राइवेट हॉस्पिटल में यह खर्च 2000 रुपए तक हो सकता है।

डायलिसिस पर जीवन प्रत्याशा क्या है?

डायलिसिस पर जीवन प्रत्याशा आपकी उपचार योजना, स्वास्थ्य स्तिथि और उम्र पर निर्भर करती है, लेकिन औसतन 5-10 वर्ष हो सकती है।

डायलिसिस कितने दिन में किया जाता है?

हेमोडायलिसिस आमतौर पर हफ्ते में 3 बार किया जाता है, लगभग 4 घंटे तक।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*