जाने क्या है पृथ्‍वी का राज ये जान सब चौक गये, जब 4.5 अरब साल पूराने Astroid में ये मिला तो

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जाने क्या है पृथ्‍वी का राज ये जान सब चौक गये, जब 4.5 अरब साल पूराने Astroid में ये मिला तो

जाने क्या है पृथ्‍वी का राज ये जान सब चौक गये, जब 4.5 अरब साल पूराने Astroid में ये मिला तो

जाने क्या है पृथ्‍वी का राज ये जान सब चौक गये, जब 4.5 अरब साल पूराने Astroid में ये मिला तोBennu Astroid: अमेरिका के ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के एक विशेष कमरे में बेन्नू एस्टरॉयड के सैंपल की जांच कर रहे वैज्ञानिकों को बड़ी जानकारी मिली है।

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एस्टरॉयड बेन्नू पानी और कार्बन धारित करता है: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) का अंतरिक्षयान OSIRIS-REx करीब 7 साल की यात्रा के बाद हाल ही में पृथ्वी पर वापस आया। यह अंतरिक्षयान बेन्नू नामक एस्टरॉयड से सैंपल लेकर लौटा है। नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर के खास कमरे में इस सैंपल की जांच कर रहे वैज्ञानिकों को इसमें बड़ी जानकारी मिली है।

नासा ने खुलासा किया है कि 4.5 अरब साल पुराने Bennu Astroid के सैंपल में प्रचुर मात्रा में पानी और कार्बन है, जो हमारे ग्रह के निर्माण में उपयोगी है। यह खोज यह सिद्ध करती है कि पृथ्वी पर जीवन की नींव बाहरी अंतरिक्ष से प्राप्त हुई हो सकती है।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा कि एस्टरॉयड के पहले विश्लेषण से पता चला है कि सैंपल में प्रचुर मात्रा में पानी है। उन्होंने बताया कि यह पृथ्वी पर लौटा अब तक का सबसे बड़ा कार्बन-युक्त एस्टरॉयड सैंपल है, जिसमें खनिज और कार्बनिक अणुओं के रूप में कार्बन शामिल है।

OSIRIS-REx मिशन ने साल 2020 में बेन्नू एस्टरॉयड से चट्टान और धूल के सैंपल लिए थे। सैंपलों को एक कैप्सूल में लेकर अंतरिक्षयान दो सप्ताह पहले ही पृथ्वी पर वापस लौटा था। ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में इनका विश्लेषण किया जा रहा है।

जाने क्या है पृथ्‍वी का राज ये जान सब चौक गये, जब 4.5 अरब साल पूराने Astroid में ये मिला तो
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खास यह है कि OSIRIS-REx मिशन से पहले जापान ने भी साल 2010 और 2020 में अंतरिक्ष से एस्टरॉयड के सैंपल लिए थे। हालांकि जापानी मिशन सिर्फ 5.4 ग्राम का सैंपल लाया था, जबकि नासा के मिशन ने 250 ग्राम सैंपल कलेक्ट किया।

बेन्नू एस्टरॉयड को ही क्‍यों चुना?

यह एस्टरॉयड हर 1.2 साल में सूर्य की परिक्रमा करता है और लगभग हर 6 साल में पृथ्वी के करीब आता है। इसका आकार लगभग 1614 फीट है, और नासा के अनुसार, साल 2135 में जब यह एस्टरॉयड पृथ्वी के करीब आएगा, तो इसकी ट्रैजेक्टरी में थोड़ा बदलाव होगा। संभावित रूप से साल 2175 और 2199 के बीच यह पृथ्वी पर प्रभाव डाल सकता है। नासा को लगता है कि इसी तरह के एस्टरॉयड अरबों साल पहले पृथ्वी से टकराए थे और हमारे ग्रह पर पानी के साथ-साथ कई अन्य चीजें भी ले आए हो सकती हैं।

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