इस खोज ने कर दिया डॉक्टर को परेशान कमजोर हो रही बच्चो की नज़र; जाने कैसे रखे आँखों का ख्याल

इस खोज ने कर दिया डॉक्टर को परेशान कमजोर हो रही बच्चो की नज़र; जाने कैसे रखे आँखों का ख्याल
इस खोज ने कर दिया डॉक्टर को परेशान कमजोर हो रही बच्चो की नज़र; जाने कैसे रखे आँखों का ख्याल

इस खोज ने कर दिया डॉक्टर को परेशान कमजोर हो रही बच्चो की नज़र; जाने कैसे रखे आँखों का ख्याल

इस खोज ने कर दिया डॉक्टर को परेशान कमजोर हो रही बच्चो की नज़र; जाने कैसे रखे आँखों का ख्याल – आजकल की तेज तकनीकी विकास के दौरान, हम सभी अधिकांश समय अपने मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप और टीवी स्क्रीन के सामने बिताते हैं। यह आम बात हो गई है, लेकिन इसका असर हमारी आंखों पर किसी से कम नहीं है। खासतौर पर बच्चों के बीच में यह स्क्रीन टाइम कमजोर नजरों की समस्याओं को बढ़ा रहा है। इस लेख में, हम नजरों की सुरक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुनहरे नियमों की चर्चा करेंगे।

इस खोज ने कर दिया डॉक्टर को परेशान कमजोर हो रही बच्चो की नज़र; जाने कैसे रखे आँखों का ख्याल
इस खोज ने कर दिया डॉक्टर को परेशान कमजोर हो रही बच्चो की नज़र; जाने कैसे रखे आँखों का ख्याल

कैसे हो रही है आंखे ख़राब?

मोबाइल फोन और स्क्रीन देखना, खासतर बच्चों के लिए, नजरों को कमजोर कर रहा है। कोविड-19 के आने के बाद, बच्चों में इसका उपयोग बढ़ गया है, जिसके कारण उनकी आंखों की समस्याएं बढ़ गई हैं। यह एक अध्ययन के आधार पर पता चला है कि अब बच्चे स्क्रीन देखने के चलते अपनी आंखों के स्वास्थ्य के साथ संरक्षित नहीं हैं।

डून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग के अध्ययन के अनुसार, कोविड के बाद, बच्चों के बीच मोबाइल फोन, लैपटॉप, और टीवी पर बिताया गया समय तेजी से बढ़ गया है। अस्पताल में, ज्यादातर बच्चे रोज़ आंखों की चेकअप के लिए आते हैं, और इसमें से लगभग 50% बच्चों की नजरें कमजोर हो रही हैं।

नेत्र रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा के मुताबिक, कोविड से पहले बच्चों की आंखों की स्वस्थता की दिशा में यह विशेष रूप से देखा जा रहा था कि बच्चे कितने ज्यादा आंखों के दौरे पर आते थे। वे कहते हैं कि अगर आप रात को कमरे की लाइट बंद कर देते हैं तो मोबाइल फोन का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करें, क्योंकि यह आपकी आंखों पर दबाव डालता है।

हिमालयन अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. रेनू धस्माना का कहना है कि मोबाइल फोन का अत्यधिक उपयोग बच्चों और वयस्कों की आंखों को कमजोर कर रहा है। वे कहती हैं कि लोगों की आंखों में सूखापन, आंखों में खिचाव, और सिरदर्द की समस्याएं बढ़ रही हैं। बच्चों की आंखें भी खासकर इससे प्रभावित हो रही हैं, और वे बच्चों के छोटी उम्र में ही चश्मे पहनने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. चिराग बहुगुणा के मुताबिक, कुछ बच्चे हर दिन स्क्रीन देखने के लिए पांच घंटे से ज्यादा समय बिता रहे हैं। ऐसे बच्चों में नजर कमजोर हो रही है और उन्हें चश्मा पहनने की आवश्यकता हो रही है।

इस समस्या से कैसे बचे?

इस समस्या से बचाव के लिए कुछ सरल उपाय हैं:

  1. कम रोशनी में स्क्रीन देखने से बचें: स्क्रीन के सामने होने पर आपकी आंखों पर जोरदार दबाव पड़ता है। इसलिए, डार्क और सुनसान कमरों में स्क्रीन देखने से बचें।
  2. स्क्रीन पर ज्यादा समय न बिताएं: बच्चों को स्क्रीन पर बिताएं गए समय को नियंत्रित रखने का प्रयास करें। लम्बे समय तक लैपटॉप या मोबाइल ना चलाएं, और बीच-बीच में आंखों को आराम दें।
  3. नजर के लिए चश्मा पहनें: अगर आपकी नजर में समस्या है, तो स्क्रीन देखने के समय जीरो नंबर के चश्मा का प्रयोग करें। यह आपकी आंखों को सुरक्षित रख सकता है।
  4. हेल्दी डाइट: अपने खाने में विटामिन ए की मात्रा बढ़ाएं। हरी सब्जियां और फल खूब खाएं, और गाजर और आंवला के जूस को अपने आहार में शामिल करें। फास्ट फूड से दूर रहें और हेल्दी आहार का सेवन करें।
  5. नींद की मात्रा: रोज़ की नींद का समय बनाएं और 6 से 8 घंटे की नींद लें। सुरक्षित रखने का प्रयास करें। सही नींद लेना आपकी आंखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।

Conclusion

आंखों की सुरक्षा हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और हमें इस पर ध्यान देना चाहिए। स्क्रीन टाइम को सीमित रखना, सही आहार लेना, नियमित व्यायाम करना, और नियमित आंख की जांच करवाना – ये सभी कदम हमें स्वस्थ नजरों की देखभाल में मदद कर सकते हैं। हमें इन सुनहरे नियमों को अपनाकर अपनी आंखों की स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना चाहिए ताकि हम खुशहाल और स्वस्थ जीवन जी सकें। अगर हम इन नियमों का पालन करते हैं, तो हमारी आंखें हमेशा हमें सही दिशा में ले जाएंगी और हम अपने जीवन को पूरी तरह से निखार सकेंगे।

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